MP हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: अब अनारक्षित पदों पर केवल मेरिट से होगा चयन

MP हाईकोर्ट न्यायपालिका का ऐतिहासिक निर्णय

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए प्रदेश की सभी भर्ती परीक्षाओं में अनारक्षित पदों पर उम्मीदवारों का चयन केवल मेरिट के आधार पर करने का निर्देश दिया है। इस निर्णय के अनुसार, अनारक्षित पदों पर किसी भी वर्ग के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया जाएगा, चाहे वे किसी भी श्रेणी से हों।

सिविल जज भर्ती परीक्षा 2022 पर प्रभाव

इससे पहले, हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा 2022 सहित अन्य सभी चयन परीक्षाओं को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन कर दिया था।अब, इस नए फैसले के बाद, इन परीक्षाओं में अनारक्षित पदों पर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और योग्यता को प्राथमिकता मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुसरण

हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट के 1 मई 2024 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि चयन परीक्षा के प्रत्येक चरण में अनारक्षित पदों को सभी वर्गों के प्रतिभावान अभ्यर्थियों से ही भरा जाएगा।इससे यह सुनिश्चित होगा कि योग्य उम्मीदवारों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अवसर मिले।

आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए सकारात्मक संकेत

इस फैसले से आरक्षित वर्ग के उन उम्मीदवारों को लाभ होगा जो अपनी योग्यता के बल पर अनारक्षित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।यह निर्णय उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है और चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता को बढ़ावा देता है।

भविष्य की भर्तियों पर प्रभाव

हाईकोर्ट के इस निर्णय का प्रभाव प्रदेश की आगामी सभी भर्ती परीक्षाओं पर पड़ेगा।अब, प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों में अनारक्षित पदों पर केवल मेरिट के आधार पर ही चयन होगा, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष – MP हाईकोर्ट

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का यह फैसला प्रदेश में भर्ती प्रक्रियाओं में योग्यता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाला है।इससे सभी वर्गों के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को समान अवसर मिलेगा और चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।

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